समुद्र शास्त्र में मानव शरीर में होने वाले हरकत को भविष्य में घटित होने वाले घटना से जोड़ कर देखा जाता है। यह संकेत अच्छे बुरे प्रभाव को दर्शाता है। जिसमे शरीर के अंगो की फड़कन शामिल है।

समुद्र शास्त्र के अनुसार स्त्री पुरुष के आँखों का फड़कने का मतलब निम्न प्रकार है। पुरुष के दायी यानी राइट साइट की आंख का फड़कना शुभ तथा स्त्री का बायीं यानी लेफ्ट साइट की आँख का फड़कना शुभ होता है।

आँख फड़कने पर हमारे मन में कई प्रकार के विचार आते हैं। कुछ लोग इसे अच्छा मानते हैं तो कुछ बुरा।

दरअसल आँख फड़कना शरीर की अन्ध्रुनी स्थिति पर निर्भर करता है। जब आँख के आस-पास की मान्पेसियाँ कमजोर हो जाती हैं, तो आँखों की भोंह फड़कती है।

भारत में बायीं आँख फड़कने का मतलब

भारत में बायीं आँख के फड़कने की मान्यता चीन की मान्यता के एकदम विपरीत है। इसलिए भारत में दायीं आँख का फड़कना शुभ माना जाता है और बायीं आँख का फड़कना अशुभ समय का संकेत माना जाता है।
कई बार, इसे महिलाओं और पुरुषों के अनुसार अलग मान्यता दी जाती है। दायीं आँख का फड़कना पुरुषों के लिए शुभ होता है और महिलाओं के लिए बायीं आँख का फडकना शुभ होता है।

चीन में

पुरानी चीनी कहावत के अनुसार, बायीं आँख का फड़कना शुभ माना जाता है और दायीं आँख के फड़कने का अर्थ होता है कि बुरी किस्मत आपका पीछा कर रही है। दूसरी ओर, महिलाओं में यह हिसाब उल्टा होता है।

उनके लिए दायीं आँख का फड़कना शुभ माना जाता है और बायीं आँख का फड़कना बुरी किस्मत का संकेत होता है।

अन्य धारणाओं के अनुसार, बायीं आँख की नीचे वाली पलक के फड़कने का अर्थ होता है कि आप रोने वाले हैं या फिर कोई आपके बारे में अफवाह फैला रहा है।

अफ्रीका के भाग

अफ्रीका के कुछ भागों में ऐसा माना जाता है कि जब आँख की निचली पलक फड़कती है तो इसका अर्थ होता है कि आप रोने वाले हैं और यदि ऊपरी पलक फड़कती है तो इसका अर्थ होता है कि आपकी अचानक किसी से मुलाक़ात होगी।

हवाई में

हवाई में ऐसा माना जाता है कि आँखों का फड़कना अजनबी के आगमन या ओफिंग में शोक का संकेत होता है। इन मान्यताओं के अलावा ऐसा भी माना जाता है कि बायीं आँख के फड़कने का अर्थ होता है कि परिवार में किसी की मृत्यु होने वाली है और दायीं के फड़कने का अर्थ होता है कि परिवार में किसी का जन्म होने वाला है।

बायीं आँख फड़कने के कारण

भारत में बायीं आँख के फड़कने की मान्यता चीन की मान्यता के एकदम विपरीत है। इसलिए भारत में दायीं आँख का फड़कना शुभ माना जाता है और बायीं आँख का फड़कना अशुभ समय का संकेत माना जाता है।

कई बार, इसे महिलाओं और पुरुषों के अनुसार अलग मान्यता दी जाती है। दायीं आँख का फड़कना पुरुषों के लिए शुभ होता है और महिलाओं के लिए बायीं आँख का फडकना शुभ होता है।

आँखों के फड़कने से जुडी कई धारणाएं हैं लेकिन विज्ञान ने इसके ऐसे कारण बताये हैं जो इसकी ठोस वजह होते हैं। उनमें से कुछ निम्न हैं:

थकान है आँख फड़कने का कारण

तनाव या अन्य कारणों की वजह से होने वाली नींद की कमी से थकान हो जाती है। यही थकान अक्सर आँखों के फड़कने के लिए भी ज़िम्मेदार होती है। नींद पूरी कर लेने से आपको फायदा मिलेगा।

आँख फड़कने का कारण कैफीन और अल्कोहल

कई विशेषज्ञों का मानना है कि अत्यधिक कैफीन या अल्कोहल का सेवन करने से आँखें फड़कने लगती हैं। यदि आप इनका अधिक सेवन कर रहे हैं तो इसमें कटौती करना फायदेमंद होगा।

सूखी आँखें हैं आँख फड़कने की वजह

लगभग आधी जनसँख्या को उम्र के साथ आँखों के सूखे होने की समस्या हो जाती है। आँखों का सूखना उन लोगो के लिए भी आम होता है जो लगातार कंप्यूटर का प्रयोग करते हैं, लेंस पहनते हैं, कुछ दवाइयां लेते हैं या कैफीन का सेवन करते हैं।

यदि आप थके हुए और तनावग्रस्त हैं तब भी आपको इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसके लिए अपने नेत्र चिकित्सक से परामर्श लें जिससे आपको फायदा मिलेगा।

एलर्जी से भी फड़कती हैं आँखें

जिन लोगों को आँखों में एलर्जी होती है उनकी आँखों में खुजली और सूजन की समस्या हो जाती है। जब आप आँखों को रगड़ते हैं तो इनमें से एंटीहिस्तामिन निकलता है जिससे आंसू भी आते हैं।

कुछ शोध में ऐसा भी पाया गया है कि एंटीहिस्तामिन से आँखें फड़कने भी लगती हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए चिकित्सक ड्रॉप्स या टेबलेट लेने की सलाह देते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि कोई भी निवारण बिना चिकित्सक के परामर्श के नहीं अपनाएं।

पोषक तत्वों की कमी हैं आँख फड़कने का कारण

कुछ रिपोर्ट में ऐसा पाया गया है कि मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों की कमी के कारण भी आँखें फड़कने लगती हैं। हालंकि, इसपर अभी शोध नहीं हुआ है लेकिन इसकी संभावना को नकारा नहीं जा सकता है।

यदि आपको पोषक तत्वों की कमी महसूस हो रही है तो तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क कर लें।

आँखों पर जोर

जब आपके चश्मे का नंबर बदलता है तो आपकी आँखों में जोर पड़ सकता है। इससे आपकी आँखों को मेहनत करनी पड़ सकती है जिसके कारण आँखें फड़कने लगती हैं। कंप्यूटर के प्रयोग के कारण आँखों पर जोर पड़ना बहुत आम होता है।

यदि आपकी आँखों में समस्या अधिक बढ़ गयी है तो अपनी आँखों की जांच करवालें क्योंकि इसका अर्थ होता है की आपकी आँखें की दृष्टि कम हो रही है। यदि आप अधिक देर तक कंप्यूटर पर काम करते हैं तो चिकित्सक से अपने लिए चश्मा बनवा लें।

आँख फड़कने का कारण तनाव

जब आप तनावग्रस्त होते हैं तो आपका शरीर विभिन्न तरीकों से व्यवहार करता है। आँखों का फडकना तनाव का एक लक्षण होता है। तनाव कम होने पर आँखों का फडकना कम हो जाता है।

आँख फड़कने का वैज्ञानिक कारण

आँखों की पलक फड़कना एक आम लक्षण है। इसमें आँख के आसपास की मांसपेशियां अपने आप संकुचित होती हैं जिससे उलझन तो बहुत होती है लेकिन नुक़सान कोई नहीं होता और थोड़ी बहुत देर में ये अपने आप बंद भी हो जाता है।

आँख के फड़कने का वैज्ञानिक कारण क्या है ये कहना मुश्किल है लेकिन आंखों के विशेषज्ञ ये मानते हैं कि इसका संबंध निम्न कारणों से है:

थकान
नींद की कमी
कैफ़ीन का ज़्यादा प्रयोग
कम रोशनी में काम करना
देर तक कम्प्यूटर पर काम करना
आँख फड़कने का मतलब ये है कि आपकी मांसपेशियां थक गई हैं और उन्हें आराम देने की ज़रूरत है। इसके अलावा आँख के आसपास की मांसपेशियों की हल्की मालिश, गर्म या ठंडी पट्टी लगाना, आंखों को गुनगुने पानी से धोना आदि कुछ उपाय हैं जिन्हें आप कर सकते हैं।