कौड़ी का महत्व
03 Mar
ज्योतिष शास्त्र में अनेक चीजों का प्रयोग किया जाता है। ऐसी ही एक चीज है कौड़ी। यह समुद्र से निकलती हैं और सजावट के काम भी आती है। धन प्राप्ति और दांपत्य जीवन के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, लक्ष्मी समुद्र से उत्पन्न हुई हैं और कौड़ी भी समुद्र से ही निकलती है। इसलिए कौड़ी में धन को आकर्षित करने का स्वभाविक गुण होता है। यह विश्व की आदि मुद्रा है जिसे लक्ष्मी की बहन कहते हैं।
भारत में 1930 से पूर्व मुद्रारूप में प्रचलन में थी। कौड़ी समुद्री कीड़े का अस्थिकोष है। इसे साइप्रिया या देवाधिदेव कहते हैं, इसकी आकृति शिव की जटाओं से मेल खाती है अतः इसे कपार्दिन भी कहते हैं।
कौड़ियां बनाती हैं मालामाल, पढ़कर चकित रह जाएंगे आप...
- मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनके साथ 11 अभिमंत्रित कौड़ियों की पूजा की जाती है।
- अपने घर में सुख समृद्धि लाने के लिए अपने घर के मुख्यद्वार पर 11 कौड़ियों को लाल कपडे में बांध कर लटका दें। ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि तो आती ही है साथ ही आपके घर में कोई भी नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती है।
- कौड़ियों को विष्णु और लक्ष्मी मंत्रों से अभिमंत्रित करके पीले कपड़े में बांधा जाता है और बृहस्पतिवार को अपने घर के मंदिर में रोली टीके और चावल के साथ पूजा कर स्थापितकर दिया जाता है। यह दांपत्य जीवन के लिए बहुत अच्छी मानी जाती हैं इसे साल भर रखा जाता है और इसके बाद प्रवाह कर दिया जाता है।
- अगर आप बुरी नज़र से अपना बचाव करना चाहते है तो एक पीले रंग की कौड़ी को अपने गले में ताबीज की तरह पहनें। ऐसा करने से कोई भी बुरी नज़र आपको छू भी नहीं पाएगी।
- अगर आप आगामी सावन महीने में अपने घर की उत्तर दिशा में 11 पीले रंग की कौड़ियों को हरे कपडे में बांध कर छुपा देंगे तो कुबेर प्रसन्न होकर आपको मालामाल कर देंगे।
- जिन लोगों को सन्तान नहीं हो रही है, वे लोग पूजन स्थान में 11 कौड़ियां रखकर गोपाल यन्त्र की विधिवत पूजा करें तथा पुत्रेष्ठी यज्ञ करवाकर पीले धागे में कौड़ी धारण करें। हर साल नई कौड़िया रखी जाती है।
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Enlightening Analysis
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