पारद शिवलिंग के लाभ

इस शिवलिंग के पूजन से उपासक को अपने जीवन में समृद्धि की प्राप्‍ति होती है। इसलिए जो कोई भी धन की कामना रखता है वो पारद शिवलिंग की आराधना जरूर करे। इसके अलावा पारद शिवलिंग की आराधना करने से कालसर्प दोष और मांगलिक दोष के अशुभ प्रभाव में भी कमी आती है।


पारद शिवलिंग के पूजन से तनाव, अहं और क्रोध में कमी आती है।

ग्रन्थ में पारद के शिवलिंग को स्वयंभू भोलेनाथ का प्रतिनिधि माना गया है। इस ग्रन्थ में इसे "महालिंग" की उपाधि मिली है और इसमें शिव की समस्त शक्तियों का वास मानते हुए पारद से बने शिवलिंग को सम्पूर्ण शिवालय की भी मान्यता मिली। इसका पूजन करने से संसार के समस्त द्वेषों से मुक्ति मिल जाती है। कई जन्मों के पापों का उद्धार हो जाता है।

इसके दर्शन मात्र से समस्त परेशानियों का अंत हो जाता है। ऐसे शिवलिंग को समस्त शिवलिंगों में सर्वोच्च स्थान मिला हुआ है और इसका यथाविधि पूजन करने से मानसिक, शारीरिक, तामसिक या अन्य कई विकृतियां स्वतः ही समाप्त हो जाती हैं। प्राचीन ग्रंथों में पारद को स्वयं सिद्ध धातु माना गया है। इसका वर्णन चरक संहिता आदि महत्वपूर्ण ग्रन्थों में भी मिलता है।

शिवपुराण में पारद में पारद को शिव का वीर्य कहा गया है। वीर्य बीज है, जो संपूर्ण जीवों की उत्पत्ति का कारक है। इसी के माध्यम से भौतिक सृष्टि का विस्तार होता है। पारद का शिव से साक्षात् संबंध होने से इसका अलग ही माहात्म्य है। शिवलिंग की पूजा करने से यह सभी प्रकार के तंत्र-मंत्र के बुरे प्रभाव को काट देता है ऐसी मान्यता है। ऐसी धारणा है कि जो भी भक्त पारद शिवलिंग की पूजा करते हैं, उनकी रक्षा स्वयं महाकाल और महाकाली करते हैं। 

इस तरह करें सावन में पूजा

सावन में पारद शिवलिंग के सीधे हाथ की तरह दीपक जला कर रखें और हाथ में थोड़ा जल और फूल लेकर महामृत्युंजय मंत्र का तीन बार जप करें और भगवान शिव को को अर्पित कर दें। नित्य इसकी पूजा-अर्चना करने से दी लंबी आयु व आरोग्य की प्राप्ति होती है। पारद शिवलिंग की पूजा करने से अन्य शिवलिंगों की अपेक्षा हजार गुना अधिक फल मिलता है ऐसा शिवपुराण में बताया गया है।

यदि आपमें आत्मविश्वास की कमी है

यदि आपमें आत्मविश्वास की कमी है। सार्वजनिक रूप से खुलकर अपनी बात नहीं रख पाते हैं, लोग आपको दब्बू की संज्ञा देते हैं तो आपको नियमित रूप से पारद शिवलिंग की पूजा करना चाहिए। इससे मस्तिष्क को उर्वरता प्राप्त होती है। वाक सिद्धि प्राप्त होती है। हजारों लोगों को अपनी वाणी से सम्मोहित करने की क्षमता आ जाती है।

लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए

लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए पारद के शिवलिंग की विशेष तौर पर पूजा की जाती है। आर्थिक संकटों से मुक्ति के लिए किसी भी माह में प्रदोष के दिन पारद के शिवलिंग की षोडशोपचार पूजा करके शिव महिम्नस्तोत्र से अभिषेक करें। फिर हर दिन पूजन करते रहें, कुछ ही समय में आर्थिक स्थिति ठीक होने लगती है। कर्ज मुक्ति होती है। पारे से बने गणेश और लक्ष्मी की नियमित पूजा करने से अकूत धन संपदा का स्वामी बना जा सकता है। इससे सिद्धि-बुद्धि के साथ स्वर्ण की प्राप्ति होती ह

पारा समस्त रोगों की दवा के रूप में भी काम करता है

पारा समस्त रोगों की दवा के रूप में भी काम करता है। खासकर डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर जैसी बीमारियों में पारे की माला पहनने की सलाह दी जाती है। लेकिन पहले किसी अच्छे आयुर्वेदाचार्य से सलाह अवश्य लें। जिस घर में पारद से बनी कोई भी सामग्री जैसे शिवलिंग, पारद माला, पारद का कोई पात्र आदि मौजूद हो वहां नकारात्मक ऊर्जा नहीं रहती। परिवार में अशांति हो, सदस्यों के बीच मतभेद हों, लड़ाई-झगड़े हों वे पारद के किसी पात्र में गंगाजल भरकर घर के ईशान कोण या घर के मध्य में रखें। इस जल को प्रतिदिन रात में रखें और प्रात: किसी गमले में डाल दें। इससे घर में शांति होती है।